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Job ke Liye Apply Karne Se Pahle Resume Me Jarur Check kren Ye baaten

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नौकरी के लिए अप्लाई करने से पहले रिज्यूम में जरुर चैक करें ये बातें

आप पढ़े लिखे हैं, काम करने का तजुर्बा भी है लेकिन फिर भी कोई नयी और बेहतर नौकरी लेने जाते हैं तो नहीं मिलती? आप में सब गुण हैं जो एक नौकरी के लिए चाहिएं फिर भी आपको कंपनी से इंटरव्यू के लिए बुलावा नहीं आता। आप से कम तजुर्बे वाले या पढ़े-लिखे आदमी को नैकरी मिल गयी, लेकिन आपको नहीं मिली। तो इसका एक कारण आपका रिज्यूम भी हो सकता है। क्योंकि किसी भी कंपनी के पास रोज़ हज़ारों बायोडाटा पहुंचते हैं और एक रिसर्च के अनुसार उनके अफ़सर एक बायोडाटा पर अंदाजा सिर्फ 45 सेकंड ही लगाते हैं उसे परखने के लिए। अब आपका बायोडाटा इतना कमाल का होना चाहिए कि उतनी सी देर में आपकी एक बेहतर छवि बना दे ताकि आपको इंटरव्यू के लिए फ़ोन आ जाए। आज हम आपको बता रहे है एेसे टिप्स के बारे में जो अापको नौकरी दिलवाने में मदद कर सकते है।

अनुभव (Experience)

काम का एक्सपीरियंस बहुत ज़रूरी है लेकिन उस से भी ज़रूरी है कि जिस नौकरी के लिए बायोडाटा भेज रहे हैं, उसकी ज़रूरतों के अनुसार आपका एक्सपीरियंस हो और उसे पेश भी उसी तरह से किया जाए। मान लीजिये सेल्स की नौकरी है तो सेल्स से मिलता जुलता अनुभव बायोडाटा में मुख्य रूप से डालिये, बाकी किसी और काम का अनुभव है तो उसे ज़्यादा तूल मत दीजिये।


स्किल्स (Skills)


आजकल की बदलती दुनीया में, हर कंपनी यह चाहती है कि उसके कर्मचारियों के पास कुछ ऐसी स्किल्स हों जो उन्हें दूसरों से अलग कर दें। जैसे कि कंप्यूटर की स्किल्स या कोई ऐसा ख़ास कोर्स आपने किया जो आपकी नौकरी में आपके काम आ सकता हो, उन्हें ज़रूर बायोडाटा में लिखिए।

उपलब्धियां (Achievements)

अपनी उपलब्धियों को हलके शब्दों में मत लिखिए बल्कि विस्तार से उनकी गहरायी में जाकर बताईये। एम्प्लॉयर यह जानने को उत्सुक होते हैं कि अपनी पिछली नौकरी में आपने क्या जलवा दिखाया। जैसे कि अगर आप सेल्स में हैं तो बताईये कि आपने कितना टारगेट पूरा किया, कंपनी की सेल को कहां से कहां पहुंचाया, कितने पैसे कंपनी के बचाये और ऐसी बातें जिनसे उन्हें अंदाज़ा लग सके कि आपकी उपलब्धियाँ सिर्फ कहने के लिए नहीं हैं, उनमें दम भी है।

शिक्षा (Education)

जितनी ज़्यादा पढ़ाई, उतने ज़्यादा चांसेस कि आपको नौकरी मिल जायेगी। ख़ास तौर पर अगर आपकी शिक्षा ऐसे क्षेत्र में हुई है जिसकी ज़रुरत कंपनी को है। विस्तारपूर्वक उसके बारे में बायोडाटा में लिखिए और उन तारीख़ों के साथ कि कौन से साल और महीने में कौन सा कोर्स ख़त्म हुआ।

प्रेजेंटेशन (Presentation)

यह बहुत ही छोटी-सी बात लगती है सुनने में लेकिन असर बहुत गहरा होता है। जब कंपनी के मैनेजर के हाथ में आपका बायोडाटा आये तो ऐसा लगना चाहिए उसे देख कर कि अप्लाई करने वाले ने वाक़ई में मेहनत की है। एक साफ़-सुथरा बायोडाटा, कंप्यूटर से टाइप किया हुआ, साफ़ कड़क कागज़ पर, आँखों पर ज़ोर ना डालने वाले फॉण्ट साइज़ में उन्हें मजबूर करेगा कि वो एक बार आपका बायोडाटा पढ़ें ज़रूर। यह करके आधी बाज़ी मार लेंगे आप। बाकी आधी बाज़ी इस पर निर्भर करेगी कि क्या आपकी शिक्षा और काम का एक्सपीरियंस उनकी ज़रूरतों से मेल खाता है या नहीं।

लम्बाई (Length)

हर रोज़ हज़ारों बायोडाटा पढ़ने पढ़ते हैं कंपनी के अफसरों को और उनके पास इतना वक़्त होता नहीं कि वो लम्बे-लम्बे कहानी-सरीके बायोडाटा पढ़ें। इसलिए बहुत ज़रूरी है कि आप अपने बायोडाटा की लम्बाई 2 पेजेज़ से ज़यादा नहीं रखें, चाहे कुछ भी हो जाए! अगर आपका एक्सपीरियंस ज़्यादा है या पढ़ाई की सूची लम्बी है तो सिर्फ़ वही नौकरियां या शिक्षा के कोर्स लिखिए जो इस नौकरी के लिए ज़रूरी हों। किसी के पास वक़्त नहीं होगा आपकी पूरी ज़िन्दगी का लेख-जोखा पढ़ने के लिए।interview kaise dena chahiye, interview dene ka tarika in hindi, job interview kaise de
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